प्रतियोगिता में न टिक पाने के कारण देशी बैंक और बीमा कम्पनियाँ, डाक-सेवा और समाचार-पत्र तबाह हो जायेंगे।
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लड़खड़ाती ग्रोथ, मुश्किल में फंसती कंपनियों, रसातल में जाते रुपये और महंगाई के बीच देशी बैंक सबसे कमजोर कड़ी साबित हो सकते हैं।
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यूनीक्रेडिट तथा इंटेसा सानपाउलो की रेटिंग ए3 से घटाकर बीएए2 कर दी गई विदेशी बैंकों की ए. टी.एम. सेवाएं घटिया; देशी बैंक बेहतर देश में बैंकिंग क्षेत्र के आधिकारिक आंकड़ों को देखें तो ग्राहकों को बैंकों से एक बड़ी शिकायत क्रेडिट कार्ड और ए.टी.एम. सेवाओं को लेकर है तथा विदेशी बैंकों के खिलाफ ऐसी शिकायतों का अनुपात सबसे उंचा है।